स्क्वाडून लीडर सुबोध दीक्षित वर्ष 2013 में भारतीय वायु सेना में एक अधिकारी के तौर पर नियुक्त हुए। भारतीय वायु सेना में लेखक कई वर्षों तक एक प्रशासनिक अधिकारी एवं एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के रूप में भारत की आकाशीय सीमाओं की रक्षा करते रहे हैं एवं कई सैन्य अभियानों में विमानों की सुरक्षित लैंडिंग कराते रहे हैं। वायु सेना में उन्हें उनके कार्यों के लिए दो बार प्रशस्ति से सम्मानित किया जा चुका है। लेखक की अन्तिम पोस्टिंग सौभाग्य से प्रयागराज में हुयी जहाँ उन्हें निकटता से विज्ञान के साथ-साथ अध्यात्म का अनुभव भी संगम के घाटों में समय व्यतीत कर हुआ। आधुनिक वायुसेना का अधिकारी किस प्रकार नदियों के दूषित होने से व्यथित हुआ और महाकुंभ-2025 में अनगिनत लोगों को विज्ञान, अध्यात्म के साथ नमामि गंगे तथा नमामि यमुने की प्रेरणा लेकर जनजागरण, शोध एवं जनकल्याण के कार्यों में अपना योगदान देने के लिए कर्तव्य के मैदान में अकेले कलम लेकर कूद गया. और इसी उद्देश्य को जन जन तक पहुंचना उसका लक्ष्य बन गया। इसी लक्ष्य के साथ प्रस्तुत है एक सैनिक की पुस्तक, जिसका उद्देश्य है सनातन धर्म के प्रतीकों को स्वच्छ और मजबूत बनाना।
महाकुंभ 2025 : अध्यात्म और विज्ञान का संगम
Squadron Leader Subodh Dixit (Retd.)